खुश रहने के लिए कोई भी बहाना काफी है
कभी कहा था गालिब ने,
की खुश रहने के लिए,
कोई भी बहाना काफी है,
हर बात् के दो पहलू होते है,
कभी हाँ तों कभी न भी होती है,
कभी खुशी तो कभी गम भी होता है,
कभी सफलता तो कभी असफलता भी मिलती है,
कभी दिल में उमंग टू कभी उदासी भी रहती है,
पर अगर हम खुशी के पल में भी गम को ढूढेंगे,
तो शायद खुशी भी ग़मगीन हो जायेगी,
पर गर हम गम में भी खुशी को ढूढेंगे तो,
हर पल खुशिओं से भर जायेगा,
अगर हम असफलता से प्रेरित होंगे,
तो एक दिन जरूर सफल हो जायेंगे,
गर न के कारन को समझेंगे,
तो हाँ के लिए तैयार हो सकेंगे,
अगर उदासी में में भी,
खुशिओं के पलों को बटोरेंगे,
तो पल पल जुड़ के,
दिन, साल ओर महीने बन जायेंगे,
ओर ये सारा समय,
आशा, खुशी ओर मुस्कराहट,
से भरा होगा.
सही कहते थे गालिब,
की खुश रहने के लिए,
कोई भी बहाना काफी है.
Saturday, February 16, 2008
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